तुम्हारा पत्र तुम्हारा पत्र
ना तुम्हारा है केवल खुदा का चमन बहारा हैं। क्यों बेकसूरों को इसके नाम संहारा हैं-----? ना तुम्हारा है केवल खुदा का चमन बहारा हैं। क्यों बेकसूरों को इसके नाम संहारा ...
...हम दोनों संत रविदास पार्क में दुनिया से नज़र बचा कर एक झाड़ी के पीछे बैठे थे. हमेशा यु ही होता रह... ...हम दोनों संत रविदास पार्क में दुनिया से नज़र बचा कर एक झाड़ी के पीछे बैठे थे....
रह गया है, एक तो सिर्फ़ ख़ालीपन, और... एक तुम्हारा न होना। रह गया है, एक तो सिर्फ़ ख़ालीपन, और... एक तुम्हारा न होना।
उनके दिलों में महफ़ूज़ हो चुका था। दोनों हँसते हुए घर की ओर चल देते हैं। उनके दिलों में महफ़ूज़ हो चुका था। दोनों हँसते हुए घर की ओर चल देते हैं।
इसलिए वह आत्मा अब उस रहस्यमई लाइब्रेरी को छोड़कर चली गई और अब वह आत्मा वहां नहीं रहती इसलिए वह आत्मा अब उस रहस्यमई लाइब्रेरी को छोड़कर चली गई और अब वह आत्मा वहां नहीं...